काँटों से दामन उल्झाना मेरी आदत है,
दिल मे पराया दर्द बसना मेरी आदत है,
मेरा गला अगर कट जाए तो मुझ पर क्या इल्जाम,
हर कातिल को गले लगना मेरी आदत है,
जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से है सब दूर,
एसे लोगो को अपनाना मेरी आदत है,
सब की बातें सुन लेता हु में चुप चाप मगर,
अपने दिल की करते जन मेरी आदत है,
सितम्बर 19, 2007
काँटों से दामन उल्झाना मेरी आदत है
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टिप्पणी द्वारा Sunil — नवम्बर 16, 2007 @ 12:51 अपराह्न |